मिसिर हरिहरपुरी की कुण्डलिया
मिसिर हरिहरपुरी की
कुण्डलिया
आगे आ बढ़ते रहो, हर संकट को टाल।
एक-एक को टालना, मन में बिना मलाल।।
मन में बिना मलाल, प्रेम से बातें सुनना ।
करना उचित विचार, गौर से सब कुछ गुनना।।
कहें मिसिर कविराय, सदा निर्मल मन जागे।
हर संकट को काट, चलो नित आगे आगे।
Sachin dev
31-Dec-2022 06:11 PM
Nice
Reply
पृथ्वी सिंह बेनीवाल
31-Dec-2022 08:58 AM
बेहतरीन
Reply